कुछ
देर मुझे उदास रह लेने दो
उदासी
को यहाँ ठहर जाने दो
ये
तो बन संगिनी दुख की चली आई है
मत
दबाओ इसे, मुझे दुख तक पहुँचने दो
मत
रिझाओ मुझे, तुम्हारे
मनोरंजनों
के जुगनुओं से
कुछ
परिचय बढ़ाऊँ इसकी स्याही से, तो जानूँ
कि
छुपी कहाँ दुख में चाँदी की रेखा है
पक
जाने दो इस उदासी को
बह
जाने दो मवाद इसका
झूठी
खुशी के लेप मत
लगाओ
इसको
पूछ
लूँ सारे प्रश्न गहन,
सीख
लूँ गणित भाग्य औ पुरुषार्थ का
जब
दुख स्वयं ही आया है
ये
पाठ पढ़ाने मुझको
इजाजत
मेरी है तुम्हें, हे उदासी
व्यक्त
कर लो तुम भी खुद को
तुम
ही तो पूरक हो खुशी की
तुम्हारे
बिना खुशी कहाँ ?
कुछ
देर मुझे उदास रह लेने दो
उदासी
को यहाँ ठहर जाने दो
गीता मल्होत्रा
6 comments:
गीतम : स्वीकार में आधी जीत है. अनोखा कोण.अभिनन्दन.
ब्लॉग विश्व में स्वागत- :)
गीतम : विभिन्न ले-आउट उपलब्ध है ब्लॉग के लिए - फुर्सद से एक बार सारे चेक कर लीजियेगा.
Thanks Raju... I am so glad you visited my blog. aur haan lay out bhi check karungi jarur. Bahut Shukriya
बहुत खूब।
Thanks Rahul Misra
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