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10/18/2013

उदासी



कुछ देर मुझे उदास रह लेने दो
उदासी को यहाँ ठहर जाने दो
ये तो बन संगिनी दुख की चली आई है
मत दबाओ इसे, मुझे दुख तक पहुँचने दो

मत रिझाओ मुझे, तुम्हारे
मनोरंजनों के जुगनुओं से
कुछ परिचय बढ़ाऊँ इसकी स्याही से, तो जानूँ
कि छुपी कहाँ दुख में चाँदी की रेखा है

पक जाने दो इस उदासी को
बह जाने दो मवाद इसका
झूठी खुशी के लेप मत
लगाओ इसको

पूछ लूँ सारे प्रश्न गहन,
सीख लूँ गणित भाग्य औ पुरुषार्थ का
जब दुख स्वयं ही आया है
ये पाठ पढ़ाने मुझको

इजाजत मेरी है तुम्हें, हे उदासी
व्यक्त कर लो तुम भी खुद को
तुम ही तो पूरक हो खुशी की
तुम्हारे बिना खुशी कहाँ ?

कुछ देर मुझे उदास रह लेने दो
उदासी को यहाँ ठहर जाने दो
                           गीता मल्होत्रा



6 comments:

Raju Patel said...

गीतम : स्वीकार में आधी जीत है. अनोखा कोण.अभिनन्दन.

Raju Patel said...

ब्लॉग विश्व में स्वागत- :)

Raju Patel said...

गीतम : विभिन्न ले-आउट उपलब्ध है ब्लॉग के लिए - फुर्सद से एक बार सारे चेक कर लीजियेगा.

Unknown said...

Thanks Raju... I am so glad you visited my blog. aur haan lay out bhi check karungi jarur. Bahut Shukriya

Misra Raahul said...

बहुत खूब।

Unknown said...

Thanks Rahul Misra